कारोबारियों ने अमेजन-फ्लि‍पकार्ट के खिलाफ देशभर में निकाला ‘विरोध मार्च’

नई दिल्‍ली । कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के तत्‍वावधान में दिल्‍ली सहित देशभर के 500 से अधिक जिले और 300 से ज्‍यादा शहरों में सोमवार को कारोबारियों ने अमेजन-फ्लिपकार्ट के खिलाफ ‘विरोध मार्च’ निकाला गया। कारोबारियों ने इस दौरान अमेजन और फिल्पकार्ट के खिलाफ ‘गो बैक’ के नारे भी लगाए। देशभर में ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ निकाले गए विरोध मार्च के बाद कारोबारियों ने जिला कलेक्‍टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर फ्लिपकार्ट और अमेजन को दूसरी ईस्‍ट इंडिया कंपनी बनने से रोकने की मांग की। देश के अलग-अलग हिस्‍सों में आयोजित इस विरोध-प्रदर्शन में करीब 10 लाख व्‍यापारियों ने भाग लिया।

दिल्‍ली में आयोजित विरोध मार्च को संबोधित करते हुए कैट के राष्‍ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने राजनीतिक दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वे देश के सात करोड़ व्‍यापारियों और उनसे जुड़े करीब 40 करोड़ लोगों की रोजी-रोटी के इस बड़े सवाल पर चुप्‍पी साधे हुए हैं। दरअसल कैट का कहना है कि इन ई-कॉमर्स कंपनियों के ऑनलाइन कारोबार और उपभोक्‍ताओं को दिए जा रहे भारी छूट की वजह से देश के खुदरा व्‍यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है।

कैट महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कारोबारी अपने हित की लड़ाई अंतिम दम तक लड़ेंगे। उन्‍होंने कहा कि हम सरकार से लगातार ई-कॉमर्स कंपनियों के भारी छूट और बाजार से कम कीमत पर सामान बेचने का विरोध कर रहे हैं। अमेजन और फ्लि‍पकार्ट देश के खुदरा व्‍यापार को भारी क्षति पहुंचाने के साथ केंद्र और राज्‍य सरकार के जीएसटी राजस्‍व को भी नुकसान पहुंचाने के साथ एफडीआई नीति का भी उल्‍लंघन कर रहा है।

खंडेलवाल ने कहा कि हमने इस सभी जानकारियों से वाणिज्‍य मंत्रालय के साथ-साथ वित मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया है। हमारी सरकार से यही मांग है कि यह कंपनियां भारत सरकार के नियमों का पालन करें ताकि देश के खुदरा करोबारियों को नुकसान न उठाना पड़े। सरकार इसकी जितनी जल्‍द हो सके जांच कराए।

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